कढ़ी पत्ते का पेड़ उष्णकटिबंधीय तथा उप-उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में पाया जाने वाला रुतासी (Rutaceae) परिवार का एक पेड़ है, जो मूलतः भारत का देशज है। अकसर रसेदार व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले इसके पत्तों को "कढ़ी पत्ता" कहते हैं। कुछ लोग इसे "मीठी नीम'' की पत्तियां" भी कहते हैं।
- पेट में गड़बड़ी होने पर कढ़ी पत्ते को पीस छाछ में मिलाकर खाली पेट लेने पर आराम मिलता है।
- कढ़ी पत्तों को नारियल के तेल में काला होने तक गर्म करें। इस तेल को बालों की जड़ों में लगाने से बाल मुलायम और चमकीले होंगे।
- कढ़ी पत्ता हमारी आंखों की ज्योति बढ़ाने में फायदेमंद है। साथ ही कैटरैक्ट यानी मोतियाबिंद जैसी बीमारी को भी दूर करती है।
- यह दातुन के रूप में दांत की सफाई के लिए लोकप्रिय है।
- पत्तियों, छाल और जल का उपयोग टानिक, उत्तेजक, वातहर और भूख बढ़ाने वाली दवा के रूप में स्वदेशी चिकित्सा में किया जाता है।
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैजो बुढापे को दूर रखते है और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते।
- करी पत्ता में विटामिन बी1 बी3 बी9 और सी होता है। इसके अलावा इसमें आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस होते हैं। इसके रोज़ाना सेवन से आप के बाल काले लंबे और घने होने लगेंगे। यही नहीं यह बालों को डैंड्रफ से भी बचाता है।
- कढ़ी पत्ते में ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले गुण होते हैं, जिससे आप दिल की बीमारियों से बचे रहते है।
- अगर आप को सूखा कफ, साइनसाइटिस और चेस्ट में जमाव है तो कढ़ी पत्ता आप के लिए बेहद असरदार उपाय हो सकता है।
- इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह गुण पेट के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह पेट से पित्त भी दूर करता है।

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