मेरे आंसुओं का गम न करना ,मेरे दोस्त
ये आँसू तो यूँ ही बहाये जाते है।
हर दिल मे वो जगह होती है ,
जहॉं अरम़ान दफनाये जाते है।।
शाम चिरागों से सजा रखी है
गम इस कदर मिला कि घबरा के पी गयें
खुशी थोड़ी सी मिली मिला कर पी गयें
यूॅ तो न थे जन्म से पीने के आदी मगर
शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गयें।।
हर कर्ज दोस्ती का अदा कौन करेगा
समझा दो अपनी यादों को
वो बिन बुलाये पास आया करती है
आप तो दूर रह कर सताते हो मगर
वो तो पास आकर रुलाया करती हैं।।
ये आँसू तो यूँ ही बहाये जाते है।
हर दिल मे वो जगह होती है ,
जहॉं अरम़ान दफनाये जाते है।।
शाम चिरागों से सजा रखी है
शर्त बोतल से लगा रखी है।।
शायद आ जाये कोई हमसे भी प्यासा
बस यही सोच कर थोड़ी सी बचा रखी है।।
गम इस कदर मिला कि घबरा के पी गयें
खुशी थोड़ी सी मिली मिला कर पी गयें
यूॅ तो न थे जन्म से पीने के आदी मगर
शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गयें।।
हर कर्ज दोस्ती का अदा कौन करेगा
जब हम ही नही रहेंगें तो दोस्ती कौन करेगा
या खुदा मेरे दोस्त को सलामत रखना
वरना हमारे जीने की दुआ कौन करेगा।।
समझा दो अपनी यादों को
वो बिन बुलाये पास आया करती है
आप तो दूर रह कर सताते हो मगर
वो तो पास आकर रुलाया करती हैं।।
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