बराह पुराण के अनुसार ब्राह्मण प्रेतों से पूछते हैं कि-
ब्राह्मण बोले- पृथ्वी के सभी प्राणियों का जीवन आहार पर ही अवलंबित है अतः मैं यह जानना चाहता हूं कि तुम लोगों के आहार क्या है।
प्रेत बोले - दयालु ब्राम्हण हमारे जो आहार हैं, उन्हें बताता हूं सुनो वह आहार ऐसे हैं जिन्हें सुनकर तुम्हें अत्यंत अत्यंत घृणा होगी। जिन घरों में सफाई नहीं होती, स्त्रिया जहां कहीं भी थूक- खखार देती है, और मल-मुत्र यत्र-तत्र पड़ा रहता है, उन घरों में हम भोजन करते हैं।
जहां पंचबलि नहीं होती मंत्र नहीं पढ़े जाते, दान धर्म नहीं होता, गुरुजनों की पूजा नहीं होती, भाण्ड इधर उधर बिखरे रहते हैं, जहां कहीं भी झूठा अन्न पड़ा रहता है, प्रतिदिन परस्पर लड़ाई ठनी रहती है ऐसे घरों से हम भोजन प्राप्त करते हैं।

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